भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

भूगोल की क़िताब में लिखा है / हेमन्त शेष

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:38, 28 मई 2008 का अवतरण (New page: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=हेमन्त शेष |संग्रह=अशुद्ध सारंग / हेमन्त शेष }} भूगोल की...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

भूगोल की क़िताब में लिखा है

पृथ्वी गोल है, दुनिया की

किसी क़िताब में नहीं लिखा

चाकलेट का स्वाद और पतंग का माप।

पृथ्वी के बोझ तले दबे

दुनिया भर के बच्चे ऎसी दुनिया के

बारे में जानते हैं जिसका उनकी दुनिया के स्वाद

और माप से कोई वास्ता नहीं।