चाटै छी सीत / खुशीलाल मंजर
घऽरे छै खाली तेॅ ऐतै की रीत
मनै नै हरखित तेॅ गैबऽ की गीत
दिन भर कमाय छी आधऽ पेट खाय छी
मांगौं मूरी तेॅ गारी सुनै छी
सुखलऽ सावन आरो भरलऽ भादऽ
लहू सुखाय केॅ करै छी कादऽ
केना कहै छऽ जोड़ै लेॅ प्रीत
धऽरे छै खाली तेॅ ऐतै की रीत
घरऽ में बाल बच्चा भूखें टौआय छै
आंखी सें झर झर लोर चुआय छै
घरनी बेचारी केॅ देहऽ पर नै अंगिया
एक टा साड़ी छै होकरो पर पटिया
टुटलऽ छै ठाठ, की ढाहै छऽ भीत
घऽरे छै खाली तेॅ ऐतै की रीत
कदुआ पर हरदम सितुवा चोखऽ
वाजिब बोलऽ तेॅ तोड़तौं पोखऽ
केकरा पर कहै छऽ करै लेॅ विस्वास
जरलऽ छै किस्मत तेॅ की करबऽ आस
अखनी छै हार हमरऽ तोहरऽ छौं जीत
घऽरे छै खाली तेॅ ऐतै की रीत
केकरा सुनय्यै कोय नै सुनै छै
हमरऽ दुखऽ पर सभ्भे हांसे छै
देबो मुंझौसा भेलै कसाय
गल्ला पर छरी देलकै चलाय
पारियो नैं मिलै छै चाटे छी सीत
घऽरे छै खाली तेॅ ऐतै की रीत
सच सच पूछबौं तेॅ लागतौं तिक्खऽ
कहै लेॅ नै छोड़भौ जत्तेॅ बक्कऽ
हमरो घुरतै कहियो सुदिन
मारभौं छऽ आरो गिनभौं तीन
अखनी छौं राज पाट करी लेॅ क्रीत
घऽरे छै खाली तेॅ ऐतै की रीत