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इस क्षण / शुभा
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पक्ष और विपक्ष
दोनो एक साथ
प्रेम और घृणा
न्याय और अन्याय
नया और पुराना
भीतर और बाहर
एक ही डण्ठल पर
क्रान्ति और प्रतिक्रान्ति
एक ही अन्धकार में
भविष्य का जैविक धागा
बारीक पुच्छल बून्द की तरह
जैसे अभी है अभी नहीं।