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अचानक / नीलेश रघुवंशी

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तुम्हारे सोए स्वप्नों को

छुएगा मेरा मन।

अचानक

गाएगा गीत समुद्री पक्षी

खिलेगा कोई फूल

इच्छा की मानिंद

कानों में पड़ी बालियाँ

झिलमिलाएंगी हँसी में।

सबसे सुन्दर सबसे सुखद

जाग उठना तुम्हारे सोए स्वप्नों का।