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प्रिये मधु आया सुकोमल / कालिदास
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- प्रिये मधु आया सुकोमल
तीक्ष्ण गायक - आम्र और-
- प्रफुल्ल की कर में उठाये
भ्रमर माला की मुकर
- अभिराम प्रत्यन्चा चढ़ाये
सुरत सर से हृदय को
- करता विदग्ध विदीर्न व्याकुल
प्रिये! वीर वसन्त योद्धा
- आ गया मदपूर्ण चंचल
प्रिये मधु आया सुकोमल