Last modified on 1 जून 2008, at 12:38

द्रुम कुसुमय, सलिल सरसिजमय / कालिदास

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:38, 1 जून 2008 का अवतरण (New page: {{KKGlobal}} {{KKAnooditRachna |रचनाकार=कालिदास |संग्रह=ऋतुसंहार‍ / कालिदास }} Category:संस्कृत ...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

मुखपृष्ठ  » रचनाकारों की सूची  » रचनाकार: कालिदास  » संग्रह: ऋतुसंहार‍
»  द्रुम कुसुमय, सलिल सरसिजमय

द्रुम कुसुमय, सलिल

सरसिजमय हुए,सुखपूर्ण यामिनि

पवन गंधित, रम्य रे दिन

कामरुचिमय युवति कामिनि

वापियों के वारि में

मणि मेखला का रूप बरता

इन्दु छवि स्त्री को, कुसुम दे

आम्र तरुओं को पुलकता

दे रहा सबों वसन्त

नवीन जीवन लालसा कल

प्रिये मधु आया सुकोमल