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ईरान और अफ़्गानिस्तान / शमशेर बहादुर सिंह

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एक होकर सारे अख़बारों का हल्ला देखिए!

साथ अमरीका के गोया ये भी दस्ता देखिए!


बह्रि, बेड़े औ हवाई-अड्डे ही काफ़ी न थे

'बेवतन'विस्थापितों का रेला देखिए!


साफ़ हक़ की बात रक्खी उसने सबके सामने

ये कुसूर ईरान का कितना बड़ा था देखिए!


एकदम तख़्ता हुकूमत का पलट देते हैं ये

काम करते हैं सिफ़ारतख़ाने क्या-क्या देखिए!


सरहदी गांधी, पठानों का वो ख़ान अब्दुल गफ़्फ़ार

सुनिए तो क्या कहता है इक मर्द-ए-दाना देखिए!


सोवियत फ़ौजी मदद क़ाबुल ने जब मांगी तो आई

था मुनासिब ही क़दम ये हस्ब-ए-वादा देखिए!


हद्दे पाकिस्तान में सी.आई.ए. की साजिशें

सरहदी फ़ौजों का हमलावर बनाना देखिए!


हिन्द महासागर के बीचोंबीच डियागोगार्सिया

हिन्द,ईरान, अफ़्रीका होंगे निशाना देखिए!


ऎटमी बेड़े, हवाईयान हज़ारों ही जमा

क्या है अमरीका की ताक़त का ठिकाना देखिए!


परचमे इस्लाम के हैं साथ अमरीकी निशान

हो गया क़ुर्बान डालर पर ज़माना देखिए!


अहद-ओ-पैमाँ अम्न की ख़ातिर है या है बहर-ए-जंग

असलियत में क्या है अमरीका का चेहरा देखिए!


शब्दार्थ :

बहरि=समुद्री; सिफ़ारतख़ाना=दूतावास; हस्ब-ए-वादा=वादे के अनुसार; अहद-ओ-पैमाँ=वादे; बहर-ए-जंग=जंग के लिए