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नव वर्ष / हरिवंशराय बच्चन

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वर्ष नव,
हर्ष नव,
जीवन का उत्कर्ष नव।


नव उमंग,
नव तरंग,
जीवन का नव प्रसंग।


नवल चाह,
नवल राह,
जीवन का नव प्रवाह।


गीत नवल,
प्रीत नवल,
जीवन की रीति नवल,
जीवन की नीति नवल,
जीवन की जीत नवल!