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यो शहरमा / राजेन्द्र थापा

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हिलो छ्यापी होली खेल्छन्, दिनहुँ यो शहरमा
बोल्दा बोल्दै वोली फेर्छन, दिनहुँ यो शहरमा
हात मिलाउने कि अङ्गालै, यो छुट्याउनु पैले
लाजै नमानी झोली हर्छन, दिनहुँ यो शहरमा