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हसीना बेग़म / वीरा

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दिन भर

हसीना बेगम के बच्चे

एक-एक बूंद टपकाते

नल के नीचे भरे

एक टूटे अल्मूनियम के

बर्तन की

रखवाली

नागमणि की तरह करते हैं

यह सोचते हुए कि

माँ इस पानी से ख़ाना पकाएगी


दिन भर

हसीना बेगम

बंगलों के सामने

पाइप लाईन डाली जाने

के लिए

मिट्टी खोदती है


( रचनाकाल : 1978)