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यात्रा / निमेष निखिल

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अवरोपित आस्थाका आँकुराहरु बोकेर
छातीभरि भग्नविश्वासका टाकुराहरु बोकेर
सङ्कल्पहरुमा मन जोड्ने सेतु खोज्दैछु म
समय हुरीमा नडगेका पाखुराहरू बोकर।