भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
प्रेम री बातां / अजय कुमार सोनी
Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 19:21, 8 जून 2017 का अवतरण
थारै साथै
करयोड़ी सगळी
मीठी-मीठी बातां
थांनै कांई
अजे तांई
चेतै है ?
म्हानै तो
चेतै है
बै
थारै
प्रेम री बातां
अजे तांई।
थू पण हाल
क्यूं है मनू ?