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सैर री माया / विनोद कुमार यादव

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गांव अब
नीं रैयो गांव
वार्ड बणग्यो
नगर परिषद रो
जिण में
धिकै नीं
भोळा मिनख
बिकै प्लाट
मिलै रोटी
मनै ठाट

खेतां नै जीमग्या
कळ-करखाना
जठै नीं चालै हळ
पण जरूर लागै फळ
अब मूंछ नीं
मांदा डील में
बधै बोट बळ।

जिण खनै
घणा बोट
उण ने
परमेसर री ओट
कोई भी
बण सकै परमेसर
नेतागीरी री
चढ्यां घोट।

गाँव तो गाँव है
निरी बावळ
भूख रो घर
आवळ-कावळ
सैर री माया
सिरे सूं सावळ।