म्हारै घर में 
पक्की है ईंटां 
रिस्ता कोनीं
जका टूट जासी
पत्थर है, भाठा है
मंजियै रा 
बिसवास थोडी है 
जका डिग जासी !
चूनो है 
रंग-बिरंगो
ओळ्यूं कोनीं
जकी
मोळी पड़ जासी। 
जे कर है मजबूत
रिस्ता-विसवास 
लूंठी ओळ्यूं
ईंट, भाठा अर चूनै सूं 
तो पछै 
मिनख क्यूं नीं 
म्हारै घर में
बा सूं मजबूत।