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चांद अेकलो : दो / चैनसिंह शेखावत
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सुणीजै
चांद अडाणै म्हैलीजै
भीड़ री
जितरी ईज अबखायां हुवै
चांद उणा री रामबाण
इण वास्तै ओ दावो है
सबद जद पूगै
आभै ताईं
चां रो थान हुवै (रीतो)।