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म्हारा पिताजी / गौरीशंकर

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म्हारा पिताजी
टाबर ज्यूं पाळी
जमीन
म्हारी मा
खेत री सींव
माथै लगाया हा रूंख
म्है पाळया हा सुपना
रूंख रै पैटे
घरवाळां
कब्जौ कर लियै
उण जमीन माथै
उण दिन
सुपना बिसरग्या हा।
रूंख रोया हा
म्हारै समचै
म्हारी मा
म्हारौ बापू कूक्या हा
टाबर ज्यूं।
बां रूंखा रै लाग’र
म्हूं
उण जमीन नै देखूं
रूंखां नै देखूं
निसांसो हो जाऊं।