भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

चिड़कली / राजेन्द्रसिंह चारण

Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:52, 11 जून 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=राजेन्द्रसिंह चारण |अनुवादक= |संग...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज


मैं चिड़कली
थारा आंगणा री
मा
उड़ जास्यूं
थोड़ा दिनां सूं
आ तै है
पछै’ई
क्यूं मारै थूं
म्हनै पेट में’ई।