भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
गुवाळिया / रचना शेखावत
Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 08:08, 14 जून 2017 का अवतरण
दिनूगै जावै गुवाळिया
सिंझ्या पूठा आवै इज है
थूं गयो हो गायां लेय
सूना करग्यो मन रो आंगणों
पाछो बावड़्यो नीं
चेतन नीं होयो दिवलो
नीं होयो च्यानणों।