तेज़ाब से झुलसे चेहरे के पीछे
किस रूपमती का चेहरा है यह?
कौन है यह
जिसके चेहरे पर से चमड़ी ग़ायब है,
फफोले हैं, रिसते हुए घाव हैं
जिसकी एक आँख से रोशनी बेदख़ल हो गई है
और दूसरी आँख
कुँआरेपन में रखे गए व्रत, त्यौहार
और देवी-देवताओं के शाप खा चुके हैं
इस चेहरे को बदनुमा बनाने में
निश्चित ही होगा उस ईश्वर का हाथ
जिसकी इच्छा के बग़ैर
हिलता नहीं सृष्टि का एक पत्ता भी
जब-जब देखता हूँ मैं तेज़ाब से झुलसे उस चेहरे को
किनारे पड़े भीमकाय पत्थरों से टकरा कर लहरें
पछाड़ खाने लगती हैं
और दुनिया के सारे महासागरों का ज्वार मेरे भीतर
उमड़ने लगता है।