Last modified on 23 जून 2017, at 20:33

देश लेेॅ कहिया लड़भो भैया / कैलाश झा ‘किंकर’

Rahul Shivay (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 20:33, 23 जून 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कैलाश झा 'किंकर' |अनुवादक= |संग्रह=...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

बाँटै खातिर भैयारी मे,ॅ
झगड़ै छय बाड़ी-झाड़ी मे,ॅ
शक्ति-प्रदर्शन करोॅ यहाँ नै
सीमा पर जा हो रखवैया ।।

हिन्दू बनलय, मुस्लिम बनलय,
सिक्खो और ईसाई बनलय,
हिन्दुस्तानी नै बनभो तेॅ
डुबतै सौंसे देश के नैया ।।

हरिजन और सवर्ण के नारा,
फोरवार्ड-बेकवार्ड के नारा,
ऊँचोॅ अप्पन मोंछ करै लेॅ
ताल ठोक केॅ ता-ता थैया ।।

कांग्रेस बनलय राजद बनलय,
जोइर-तोइर केॅ राजग बनलय,
आतंकी संसद तक ऐलोॅ
राजनीति केॅ नाच-नचैया ।।

जे सीमा पर जान लड़ैने,
दुश्मन पर छै आँख गड़ैने,
ऊ सेना पूछै छौं सबसे
देश लेॅ कहिया लड़भो भैया ।।