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झूठ कहै दुनियाँ खराब छै / कैलाश झा ‘किंकर’
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झूठ कहै दुनियाँ खराब छै ।
फैशन के पीने शराब छै ।।
हम्मर पत्नी रोज कहै छै, ब्यूटी पार्लर जैबे करबै ।
भाग्यश्री के बाल ठीक छै, ओहने बाल कटैबे करबै ।
देखै छियै विश्व सुन्दरी
सौंसे दुनियाँ बेनकाब छै ।
बेटबो स्कूल सेॅ भागै छै, बस्ता छोड़ि केॅ टॉकिज मेॅ ।
आँख पे चश्मा जेब मेॅ कंघी, हिरोइन छै ताबिज मेॅ ।
तीन बेर मेॅ मैट्रिक कैलकै
लागै लखनऊ केॅ नवाब छै ।
टी.वी सेॅ सब सीख-साइख के, बेटियो फैसन पागल भेलै ।
पढ़ै-लिखै मेॅ मोॅन लगै नै, ऐसन आय अभागल भेलै ।
हीरो-हिरोइन केॅ चर्चा
फिल्मी गपशप बेहिसाब छै ।
कोन मुँह सेॅ केकरा कहबै, पाकल केश रंगैलियै हमहूँ ।
जब-जब निकलै छी बजार तब चार्ली सेंट लगैलियै हमहूँ ।
के गेहूँ केॅ बात बुझै छै
सबकेॅ सब चाहै गुलाब छै ।