Last modified on 25 जून 2017, at 21:31

दोहा मन्दाकिनी, पृष्ठ-26 / दिनेश बाबा

Rahul Shivay (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:31, 25 जून 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=दिनेश बाबा |अनुवादक= |संग्रह=दोहा...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

201
बदमिजाज घरनी रहौं, ठंढा रखो दिमाग
रात दिन कचकचो करै, लगथौं देही आग

202
बगदल पत्नी के छिकै, बढ़िया एक उपाय
राम-राम के जप करो, जखनी हौ गरमाय

203
पत्नी के तारीफ में, पढ़ो कसीदा रोज
कल जोड़ो, अनुचर जाकां, झूठ-साँच धरि पोज

204
मौगी गोसवर छौं यदि, दुम ठो रखो दबाय
‘बाबा’ पंगा मत लियै, उत्तम यही उपाय

205
‘बाबा’ दुख सें कहै छै, हो अमरेन्दर भाय
कवि कोय बनतै कना, जें घर डाँट न खाय

206
ठुकराबै दुनियां अगर, मत हो तबो निरास
घर सें जौं बेरूखी मिलेॅ, ‘बाबा’ लेॅ सन्यास

207
काम घड़ी मृदुभाषिणी, फरू लोलिता पवार
लदनी घोड़ा पति लगै, पत्नी लगै सवार

208
जित्तो भर जरलै बहुत, कहिने लाश जराय
प्राण पियासल छै बहुत, दीहो गांग दहाय