भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
अकाळ है / मधु आचार्य 'आशावादी'
Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 18:43, 27 जून 2017 का अवतरण
मिनखां मांय
मिनखापणै रो
रिस्तां मांय
भरोसै रो
सबदां मांय
संवेदना रो
राज मांय
राम रो
नेता मांय
काम रो
साची कैवूं—
अकाळ है।