उतरै जद नींद / धनपत स्वामी

आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 22:12, 27 जून 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=धनपत स्वामी |अनुवादक= |संग्रह=थार-...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

आं तपतै दिनां रो
कोई जोड़ अर तोड़
ढाण्यां में बसण आळा
सांपड़तै जाणैं
झूंपड़ां में बिछा बेकळा
छिड़क पाणीं
बणावै झूंपड़ै नै सालम कूलर
झूंपड़ै रै मोखां सूं
पछै जे चालै हेमाणी पून
तो सुरग ई सरमा मरै।

खेत री रेत में
ऊभी खेजड़ी रै
बांध छागळ
तळै बिछाय तप्पड़
उतरै जद नींद
जणां लखावै
जाणै
ऐकर फेर
बणग्यो बीन्द।

इस पृष्ठ को बेहतर बनाने में मदद करें!

Keep track of this page and all changes to it.