Last modified on 28 जून 2017, at 14:52

ढब बादळ / ओम पुरोहित ‘कागद’

आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:52, 28 जून 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=ओम पुरोहित ‘कागद’ |अनुवादक= |संग्...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

जा रै डोफा बादळ
कदै ई इयां ई
बरस्या करै
बरसा-बरसा पाणीं
थूं तो ले लियो
मिनख रो पाणीं
फिरै बापड़ो
अब गाणीं माणीं!

टपकती-टपकती
छेकड़ टपक ई गई
भींता बिचाळै छात
भींता लुळी उठावण नै
पण पसरगी आंगणैं में
सूंएं बिचाळै छात!

ढब!
अब ढब बादळ
भींत चिणावां
उठावां छात
बणावां बात
थारै तांईं
आगै सारु!