भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

भूख : पांच / ओम पुरोहित ‘कागद’

Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 16:22, 28 जून 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=ओम पुरोहित ‘कागद’ |अनुवादक= |संग्...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

भूख टिरै
टाबर रै मुंडै
जकी नै जाणैं
फगत मा
टाबर नीं जाणै
पेट री भूख
मा री मैक
टाबरी री भूख
मा रो परस
भूख री मुगती!