भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

नूंवो पाठ / मधु आचार्य 'आशावादी'

Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:55, 28 जून 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= मधु आचार्य 'आशावादी' |संग्रह=अमर उ...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

आज फेरूं दिखाय दियो
बै आपरो रंग
रिस्तै माथै भारी हुयग्या पईसा
मांड लीनी जंग
भूलग्यो कै बां इज
आंगळी पकड़ चालणो सिखायो
पईसां रो पा ‘ढो पढायो
उणी पईसा खातर
खेत नपवायो
मकान तुडवायो
रिस्तो रो नूंवो पाठ
बाबोसा नै पढायो।