Last modified on 29 जून 2017, at 07:55

टाबर - 3 / दीनदयाल शर्मा

आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 07:55, 29 जून 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=दीनदयाल शर्मा |अनुवादक= |संग्रह=र...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

टाबर
कित्ता बोलै सांच
नीं जाणै
बणावटी बातां
जात-पांत

अर
भेदभाव भी
नीं जाणै
टाबर

स्यात जदी हुवै
टाबर
भगवान रौ रूप।