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अदाकारी / गण्डकीपुत्र / सुमन पोखरेल

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पोसिदा हो जाते हैँ सब कुछ
जहर रखेँ या आब-ए-हयात
जिन्दगी रखेँ या मौत
पर्दा लग जाने के बाद
बाहर से कुछ नजर नहीं आता
नजर आता है सिर्फ पर्दा ।

जिस तरह पोटली के अन्दर
चाकू डाल कर चलने पे भी
दवा डाल कर चलने पे भी
नजर आती है सिर्फ पोटली
वैसा ही है पर्दा लगाना भी ।
 
मुझे कहीं नजर न आया
पर्दा न लगा हुवा एक भी चेहरा
सर-ए-आइना खडे हो कर
खुद को देखते हुए भी
पर्दा नजर आता है मुझे
अपना चेहरा दिखाई देने से पहले ।