Last modified on 9 जुलाई 2017, at 17:08

रोळ गिदोळ / मदन गोपाल लढ़ा

आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:08, 9 जुलाई 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मदन गोपाल लढ़ा |अनुवादक= |संग्रह=च...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

जको इन्द्र बण्यो
पैलै दिन
बो ई चौथै दिन
बणग्यो- रावण!

लिछमी बणणियै रै
पांती आयो
सूपनखा रो रोल!

इणींज भांत
मिथिलापति जनक
हड़-हड़ हांस्यो
कुंभकरण रो भेस धार'र!

जीयाजूण दांइ-
आ रोळ-गिदोळ
कींकर हुयगी
रामलीला में?