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आँसु झारेर रात बिताएँ / राजेश्वर रेग्मी
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आँसु झारेर रात बिताएँ
मन मारेर रात बिताएँ
किन भइनन् उनी मेरो
पीडा उधारेर रात बिताएँ
आँखाभित्र उनकै तस्वीर
याद उमारेर रात बिताएँ
बस्न सकिनँ उनको दिनमा
आफू धिक्कारेर रात बिताएँ
एकनास चल्छ मनमा आँधी
प्याला सारेर रात बिताएँ