भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
अन्तर-2 / चन्द्रप्रकाश जगप्रिय
Kavita Kosh से
Rahul Shivay (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 20:59, 18 अगस्त 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=चन्द्रप्रकाश जगप्रिय |अनुवादक= |स...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
मगरमच्छ नें
मगरमच्छी सें कहलकै
आदमी आरो हमरा में
नै छै कोनो अन्तर
ठगै लेली आँसू ऊ भी बहावै छै
आरो हम्में भी
एक अंतर छै
ऊ धरती पर रहै छै
हम्में पानी में