भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
इज़्ज़तपुरम्-12 / डी. एम. मिश्र
Kavita Kosh से
Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:33, 28 अगस्त 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=डी. एम. मिश्र |संग्रह=इज़्ज़तपुरम...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
जीवन के प्रथम
कटु- अनुभव के
छोर पर
निर्जन में खड़ी
रग -रग दुखाती
अबोध से
थोड़ी बड़ी
विचारधारा
कभी निज की
कभी परिवार की
कभी क्रूर दुनिया की
सेाच में
डूबती
डतराती
बढ़ती है आगे
मँगतों के
जीवन में
कैसा विराम?