भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

नोटबंदी-3 / चन्द्रप्रकाश जगप्रिय

Kavita Kosh से
Rahul Shivay (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 19:05, 9 सितम्बर 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=चन्द्रप्रकाश जगप्रिय |अनुवादक= |स...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

ह्नवेलनी नें
ह्नवेल सें पूछलकै
बाजार के की छै हाल
ऊ कहलकै/की कहौं बाजार के हाल
मास नवम्बर २ॉ१६ साल
मचलै एसन बवाल
जे सिक्का तक नै कहियो कैलकै दान
आय ऊ दिन खोल केॅ
हजार-पांच सौ के नोट कैर रहल छै दान
जेना खुल्लोॅ छै
ओकरोॅ घर कोय टकसाल के दुकान।