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वियतनाम / लालसिंह दिल / सत्यपाल सहगल

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यह झूठ है
कि वहाँ स्कूल नहीं खुलते।

यह झूठ है
कि वहाँ के लोगों में दहशत है।

वे जो डर कर चलते
तो वहाँ एक भी आदमी कैसे होता?

वहाँ मुश्किल से चलने वाले बूढ़े
गाँवों से हटकर चलते हैं
जो गिरते हुए बमों पर
ऐसे मारते हैं लाठी
कि बम वापिस हो
दुश्मन के कैम्पों में जा फटता है

गाँधियों को इतनी छूट नहीं है वहाँ
कि भगत सिंह की फाँसी पर मश्विरे के लिए
वे दुश्मनों के कैम्पों में चले जाएँ।