भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
इज़्ज़तपुरम्-84 / डी. एम. मिश्र
Kavita Kosh से
Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:37, 18 सितम्बर 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=डी. एम. मिश्र |संग्रह=इज़्ज़तपुरम...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
नेफा के नीचे
अब सोख्ता कहाँ?
‘वाटरपै’ है
मर्म पर
कसे गये फिकरे
करते हैं लहूलुहान
भीतर तक आत्मा को
फिर
टूटे हुए तारे
हवा में तैंरें
कि पानी में बुतें
फर्क क्या?