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अहिंसा / गुरेश मोहन घोष

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कहलियै-जीबू! की करै छै?
कहलकै-मांसोॅ सें पिपरी चुनै छियै।
कहलियै-कैन्हें?
कहलकै-कत्तेॅ नी जीबोॅ के हत्या होय जैतै।