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वन्दना / मथुरा नाथ सिंह ‘रानीपुरी’
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1.
हे श्री गणेश
धरती के सबटा
हरोॅ क्लेश।
2.
हे माय देवी!
रहभौं सब दिन
चरणें सेवी।
3.
हे माय काली!
मिटावोॅ नी फिरू सें
आदमी जाली।
4.
हे सरसती!
पटावोॅ नी सबटा
सुखा धरती।
5.
हे माय गंगा!
अमृत पिलाय केॅ
करोॅ नी चंगा।
6.
माता भवानी!
भारत-भारती केॅ
राखोॅ नी पानी।
7.
हे हनुमान!
राम भक्त केॅ सदा
राखोॅ नी माना।
8.
पत्ता नै डोलै
विपदा दूर भेलै
जे बम बोलै।
9.
औढर दानी
हरौॅ सब संकट
साथ भवानी।
10.
हे महावीर
हरोॅ जनमन के
सबटा पीर।
11.
पवनपूत
अपनोॅ भगत के
भगावोॅ भूत।