Last modified on 18 सितम्बर 2017, at 19:57

वन्दना / मथुरा नाथ सिंह ‘रानीपुरी’

Rahul Shivay (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 19:57, 18 सितम्बर 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मथुरा नाथ सिंह 'रानीपुरी' |अनुवाद...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

1.
हे श्री गणेश
धरती के सबटा
हरोॅ क्लेश।

2.
हे माय देवी!
रहभौं सब दिन
चरणें सेवी।

3.
हे माय काली!
मिटावोॅ नी फिरू सें
आदमी जाली।

4.
हे सरसती!
पटावोॅ नी सबटा
सुखा धरती।

5.
हे माय गंगा!
अमृत पिलाय केॅ
करोॅ नी चंगा।

6.
माता भवानी!
भारत-भारती केॅ
राखोॅ नी पानी।

7.
हे हनुमान!
राम भक्त केॅ सदा
राखोॅ नी माना।

8.
पत्ता नै डोलै
विपदा दूर भेलै
जे बम बोलै।

9.
औढर दानी
हरौॅ सब संकट
साथ भवानी।

10.
हे महावीर
हरोॅ जनमन के
सबटा पीर।

11.
पवनपूत
अपनोॅ भगत के
भगावोॅ भूत।