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विचार-4 / मथुरा नाथ सिंह ‘रानीपुरी’
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37.
करोॅ अंदाज
नेता पर गिरतै
कहियो गाज।
38.
बजावोॅ ढोल
नेता रोॅ एक दिन
खुलतै पोल।
39.
नया सबेरा
जन्नेॅ-तन्नेॅ झलकै
चोर-लुटेरा।
40.
केकरा दुख
तिरंगा बेची केाय
मिटावै भूख।
41.
टूटै छै आशा
हिन्दी सें गुरुतर
अंग्रेजी भाषा।
42.
करोॅ प्रचार
सौ में नब्बे अभियो
लागै बेकार।
43.
कैन्होॅ ई धंधा
हिन्दी के ऊपर ई
अंग्रेजी फंदा।
44.
छेकै संयोग
नेता करै छै देखोॅ
माखन भोग।
45.
करोॅ अंदाज
अफसर के माथें
घुसोॅ के ताज।
46.
छेकै ई चोरी
छीन छोर करोॅ या
कि घुसखोरी।
47.
छेकै दुश्मन
काँटे रंग जेकरोॅ
र्छ ई चलन।
48.
कैन्होॅ पोषण
पौष्टिक आहार या
शिक्षा शोषण।
49.
छेकै आदर्श
सुशिक्षा के जे रोजे
दै परामर्श।