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नै मिलै छै / निर्मल सिंह
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दीवानगी सें हमरा फुर्सत नै मिलै छै
नेकी भी करौं तभियो सोहरत नै मिलै छै
धूप कहीं, छाँव कहीं देखी रहलोॅ छी
सुस्तावौं कहीं बैठी केॅ मोहलत नै मिलै छै
अच्छा छै जे भी गैर छै, अच्छ ही उ रहतै
गैरोॅ के वसूलो में शिकायत नै मिलै छै
छोटोॅ जकां सवाल छीं हम्में मतर ऐ मीत
उत्तर कहैवला मंे कुछ हिम्मत नै मिलैं छैं
जीना छै जेकरा; मरिये मरि ओकरा जीना छै
‘निर्मल’ के दिल में जीयै के हसरत नै मिलै छै