Last modified on 19 अक्टूबर 2017, at 18:07

11 सितंबर की एक तस्वीर / विस्साव शिम्बोर्स्का

Anupama Pathak (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 18:07, 19 अक्टूबर 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=विस्साव शिम्बोर्स्का |संग्रह= }} {{K...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

वे कूद पड़े जलती मंज़िलों से -
एक, दो, कुछ और,
कुछ ऊपर, कुछ नीचे.

तस्वीर ने रोक रखा है उन्हें जीवित,
और फिलहाल सहेज रखा है उन्हें
धरती के ऊपर, धरती की ओर.

अब भी साबुत है हर एक
अपने ख़ास चेहरे
और भलीभांति छिपे हुए खून के साथ.

अभी काफी वक़्त है
बालों के बिखरने में,
और जेबों से
कुंजियों और सिक्कों के गिरने में.

वे अब भी हैं हवा के फैलाव के भीतर,
उन जगहों के विस्तार में
जो अभी-अभी बनी हैं.

मैं उनके लिए सिर्फ दो काम कर सकती हूँ -
इस उड़ान का बयान करूँ
और न जोड़ूँ कोई आखिरी पंक्ति.
          

(मूल पोलिश से Clare Cavanagh और Stanistaw Baranczac के अंग्रेजी अनुवाद पर आधारित)

अनुवाद: