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गीत गावोॅ / राधेश्याम चौधरी

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गीत सबनेॅ मिली गावोॅ
हरदम गुनगुनावोॅ
भटकलोॅ छै ई जिंनगी
तत्योॅ हँसतें रहॉे
जिंनगी मेॅ बाधा तेॅ एैतैं रहै छै
जब तांय सांस चलै छै आदमी केॅ
बोझोॅ आदमी केॅ ढोय लेॅ लागै छै।
जिंनगी सेॅ नै छबड़ा बोॅ
दुःख रोॅ राज केॅ जानोॅ
लोर नै बहाबोॅ
दुनिया दानव के मेला छै
जिंनगी जीना छौ तेॅ
गीत मीली गाबोॅ
डगर तेॅ आसान छै।