भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
नीम के पत्ते / रुस्तम
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:04, 26 नवम्बर 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रुस्तम |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <poe...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
हिन्दी शब्दों के अर्थ उपलब्ध हैं। शब्द पर डबल क्लिक करें। अन्य शब्दों पर कार्य जारी है।
नीम के पत्ते मेरे ऊपर बरस रहे थे।
हवा चल रही थी।
रात में
चाँद निकलने वाला था।
मैं नीम के नीचे बैठा था।
हरे और पीले
नीम के पत्ते मेरे ऊपर बरस रहे थे।