Last modified on 9 दिसम्बर 2017, at 13:51

उदयति मिहिरो, विगलति तिमिरो / जानकीवल्लभ शास्त्री

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:51, 9 दिसम्बर 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=जानकीवल्लभ शास्त्री |अनुवादक= |सं...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

उदयति मिहिरो,विगलति तिमिरो
भुवनं कथमभिरामम्
प्रचरति चतुरो मधुकरनिकरो
गुंजति कथमविरामम्॥
विकसति कमलं,विलसति सलिलम्
पवनो वहति सलीलम्
दिशिदिशि धावति,कूजति नृत्यति
खगकुलमतिशयलोलम्॥
शिरसि तरूणां रविकिरणानाम्
खेलति रुचिररुणाभा
उपरि दलानाम् हिमकणिकानाम्
कापि हृदयहरशोभा॥