भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

नाती के ओ प्यारे बाबा / दीपक शर्मा 'दीप'

Kavita Kosh से
द्विजेन्द्र द्विज (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 18:52, 23 दिसम्बर 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=दीपक शर्मा 'दीप' |अनुवादक= |संग्रह= }...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज


नाती के ओ प्यारे बाबा
नाती तुम्हें पुकारे बाबा

कौन तुम्हारे जैसा बोलो,
हमको ख़ूब दुलारे बाबा

बब्बा-बब्बा-बब्बा-बब्बा
सूरज,चाँद-सितारे बाबा

ऐनक,धोती-कुरता,लाठी
झोला,गमछा,सारे ‘बाबा’

'जौ' के इक बोरे में दुर्दिन
तुम सा कौन गुज़ारे बाबा

आजी हमरी चौरा-मइया
मइया के जयकारे बाबा

कहां गई वो सांझ-दुपहरी
कहां गये 'भिनसारे' बाबा

ग़म के अँधियारे जीवन में
ख़ुशियों के उजियारे बाबा

आज बहुत हैं थेथर 'दीपू'
'कभी नहीं जो हारे बाबा'