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भूख पर न नज़र / सैयद शहरोज़ क़मर
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भूख पर न नज़र होगी
अख़बार की ख़बर होगी
तुम न आए, हम बैठे रहे
तो घोटुल की पहर होगी
फ़रहाद तो किताबी हुआ
न कोई वो नहर होगी
मत खेलो चाँद-तारों से
घटना इक क़हर होगी
'डॉली'<ref>बकरी के पहले कोलोन का नाम</ref> वालों से गुज़ारिश है
इंसाँ पर कब नज़र होगी
08.04.97
शब्दार्थ
<references/>