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चौदह भाई बहन / व्योमेश शुक्ल

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झेंप से पहले परिचय की याद उसी दिन की

कुछ लोग मुझसे पूछे तुम कितने भई बहन हो

मैंने कभी गिना नहीं था गिनने लगा

अन्नू दीदी मीनू दीदी भानू भैया नीतू दीदी

आशू भैया मानू भैया चीनू दीदी

बचानू गोल्टी सुग्गू मज्जन

पिण्टू छोटू टोनी

तब इतने ही थे

मैं छोटा बोला चौदह

वे हँसे जान गये ममेरों मौसेरों को सगा मानने की मेरी निर्दोष गलती

इस तरह मुझे बताई गई

माँ के गर्भ और पिता के वीर्य की अनिवार्यता

और सगेपन की रूढ़ि