भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
बात ज़रूरी / मोहन सगोरिया
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 16:53, 15 फ़रवरी 2018 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मोहन सगोरिया |अनुवादक= |संग्रह=दि...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
सुबह कितने बजे उठना है
यह तय करने से पहले
इस पर गौर करना होगा
कि रात कितने बजे सोना है
शयन के मूल्य से तय करो
जगने के समय की क़ीमत
जाग का वक़्त जानने के लिए
गहरी नींद की बात ज़रूरी है।