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बडी बात होगी / सुधेश

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सब के सपने अलग-अलग
दौड़ भी अलग-अलग
फिर पति कैसे मिले पत्नी से
बेटा बाप से
बेटी कैसे पूछे माँ से कुछ गोपनीय
भाई किस से पूछे अपनी शंका
बहन किस के संग खेले?

मगर शाम को सब पंछी
घर आते थके-थके
खोजते अपने घोंसले
अगर रात को खाने की टेबिल पर
सब मिल रोटी खाएँ
आँखों से कुछ पूछें, कुछ उत्तर दें
बड़ी बात होगी
इस बेगाने बेरहम वक़्त में।