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मेहनत से तू यारी रख / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'

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मेहनत से तू यारी रख
कोने में मक्कारी रख

मां है , दूध पिलाएगी
बच्चे , रोना जारी रख

सौंप दिया ताला चाबी
कहकर, ये बीमारी रख

जेब में, जब बाहर निकले
काग़ज़ कुछ सरकारी रख

बाहर भी मत खा पगले
घर भी शाकाहारी रख

जाना है सबको इक दिन
बेहतर है तैयारी रख

घर में पूजा-पाठ करे
एक 'रक़ीब' पुजारी रख